Manmohan Singh News: आर्थिक सुधारों के जनक, जिन्होंने बदली भारत की अर्थव्यवस्था की दशा मनमोहन सिंह, एक ऐसा नाम जो भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र (Manmohan Singh News) में अपनी गहरी छाप छोड़ गया। उन्हें भारत के आर्थिक सुधारों और उदारीकरण के जनक के रूप में जाना जाता है। उनकी दूरदर्शी नीतियों और साहसिक निर्णयों ने भारत की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी। 26 दिसंबर को, 92 वर्ष की आयु में, मनमोहन सिंह ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली। उनकी मृत्यु से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। आइए, उनके योगदान को 10 प्रमुख बिंदुओं में समझते हैं, जो उनकी आर्थिक नीतियों (Manmohan Singh News) और नेतृत्व की प्रभावशीलता को उजागर करते हैं।
आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत (1991) (Manmohan Singh News)
मनमोहन सिंह ने 1991 में वित्त मंत्री के रूप में आर्थिक उदारीकरण की नींव रखी। उन्होंने विदेशी निवेश के दरवाजे खोले और भारत की बंद अर्थव्यवस्था को वैश्विक बाजार के लिए तैयार किया।
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लाइसेंस राज का अंत
उन्होंने भारत में लाइसेंस राज की जटिल प्रक्रिया को खत्म किया। इससे उद्योगों को स्वतंत्रता मिली और व्यापार करना आसान हुआ।
सोने को गिरवी रख संकट से उबारा
1991 में देश आर्थिक संकट से गुजर रहा था। उन्होंने सोने को गिरवी रखकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर्ज जुटाया और अर्थव्यवस्था को स्थिर किया।
रुपए का अवमूल्यन
उन्होंने रुपये का अवमूल्यन किया, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिला और विदेशी मुद्रा भंडार में सुधार हुआ।
प्रत्यक्ष करों में कटौती
टैक्स सुधारों के तहत, उन्होंने प्रत्यक्ष करों में कमी की, जिससे व्यापार और निवेश को प्रोत्साहन मिला।
प्रधानमंत्री कार्यकाल में उच्चतम GDP ग्रोथ
2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री के रूप में, उन्होंने देश की GDP ग्रोथ को 8-9% तक पहुंचाया, जो भारत के आर्थिक इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।
VAT की शुरुआत
साल 2005 में, उन्होंने VAT लागू किया, जिससे सेल्स टैक्स की जटिलता खत्म हुई और टैक्स संग्रह प्रणाली अधिक प्रभावी बनी।
मनरेगा की शुरुआत
उनके कार्यकाल में, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (NREGA) की शुरुआत हुई। इस योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और विकास को गति दी।
विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) की स्थापना
2006 में, उन्होंने विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) का आरंभ किया, जिससे निवेश और निर्यात में बढ़ोतरी हुई।
सेवा कर की शुरुआत
उन्होंने सर्विस टैक्स की शुरुआत की, जिससे उद्योग और सेवा क्षेत्र पर कर का बोझ कम हुआ और राजस्व संग्रह बढ़ा।
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शिक्षा और सम्मान
मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित पंजाब में हुआ। उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में प्रथम श्रेणी में डिग्री और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डी.फिल की। उन्हें एशिया मनी और यूरो मनी जैसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।